Delhi vs Hyderabad, Eliminator Dream11 Team Match
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इस सीजन में दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ 1-1 मैच में जीत प्राप्त करी है आज जीतने वाली टीम क्वालिफायर-2 में 10 मई को चेन्नई से खेलेगी क्वालीफ़ायर २ में जो भी टीम जीतेगी वो फाइनल मुंबई इंडियंस के साथ खेलेगी |
आईपीएल २०१९ का ये एलिमिनेटर मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स और sunrisers हैदराबाद के बिच खेला जायेगा इस मुकाबले में जो भी टीम हारेगी वो टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी
हैदराबाद ने पिछले वर्ष भी आईपीएल का फाइनल खेला था पिछली साल उसे चेन्नई के हात्तो हार का सामना करना पड़ा था दूसरी और दिल्ली कैपिटल्स कभी नहीं फाइनल तक नहीं पहुंची और टॉप २ में नहीं रही . दिल्ली कैपिटल्स सात साल बाद प्लेऑफ में पहुंची है इस वर्ष दिल्ली कैपिटल्स टीम का परदरसन बहुत ही लाजवाब रहा है
विशाखापट्टनम में हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली का सक्सेस रेट 100%
आईपीएल में दिल्ली और हैदराबाद की टीम के बिच १४ मैच खेले गए है जीने में से हैदराबाद के नाम ९ जीत और दिल्ली के नाम ५ जीत हासिल हुयी है हालाँकि विशाखापट्नम में दोनों के बिच अब तक १ मैच हुआ है जिसमे दिल्ली ने हैदराबाद को ६ विकेट से हराया था
अपने दूसरे घरेलु मैदान पर हैदराबाद का अच्छा रिकॉर्ड
विशाखापट्नम में अब तक आईपीएल के ११ मैच खेले गए है इनमे से ७ मैच में पहले खेलने वाली टीम को जीत प्राप्त हुयी है यह हैदराबाद का दूसरा होम ग्राउंड है हैदराबाद की टीम ने इस मैदान पर ५ में से ३ मैच में विजय प्राप्त करी है दिल्ली ने इस मैदान पर ३ मैच खेले है जिनमे से २ मैच जीतने में सफलता प्राप्त हुयी है
दिल्ली कैपिटल्स की ताकत
शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर बेहतर फॉर्म में हैं। धवन और अय्यर ने 14-14 मैच में क्रमशः 486 और 442 रन बनाए हैं। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में धवन छठे नंबर पर हैं।
कोच रिकी पोंटिंग और सलाहकार सौरव गांगुली। दोनों पहली बार दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े और टीम को प्लेऑफ में पहुंचाया।
कगिसो रबाडा की कमी क्रिस मॉरिस पूरी कर रहे हैं। वे रन थोड़े ज्यादा देते हैं, लेकिन विकेट निकालने में सफल रहे हैं। उनके 9 मैच में 13 विकेट हैं।
दिल्ली की कमजोरी :
कगिसो रबाडा के बाहर होने के कारण टीम का पेस अटैक कमजोर पड़ा। रबाडा टूर्नामेंट सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में शीर्ष पर हैं। उनके 12 मैच में 25 विकेट हैं।
पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत के प्रदर्शन में निरंतरता में कमी। पृथ्वी ने 14 मैच में 292 रन बनाए। इसमें 5 बार वे दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए। पंत के 14
ट्रेंट बोल्ट का अंतिम ओवरों में ज्यादा रन देना। उन्होंने 3 मैच में 106 रन देकर सिर्फ 3 विकेट लिए।
हैदराबाद की ताकत :
केन विलियमसन के रूप में भरोसेमंद कप्तान। उनकी कप्तानी में हैदराबाद ने पिछले साल भी फाइनल खेला था। वे टीम के 5वें टॉप स्कोरर।
मनीष पांडेय का फॉर्म में होना। उन्होंने 11 मैच में 314 रन बनाए। वॉर्नर-बेयर्स्टो के बाद टीम के टॉप स्कोरर।
खलील अहमद का पेस अटैक। उन्होंने 8 मैच में 8.21 के इकॉनमी से 17 विकेट लिए। वे इस सीजन के 3 मैच में 3-3 विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज हैं।
हैदराबाद की कमजोरी :
टीम के टॉप स्कोरर्स डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयर्स्टो का स्वदेश लौटना। हैदराबाद ने अब तक 14 मैच में 2193 रन बनाए हैं। इसमें आधे से ज्यादा यानी 1137 रन इन दोनों ने बनाए हैं, जबकि वॉर्नर ने 12 और बेयर्स्टो ने 10 मैच ही खेले।
सिद्धार्थ कौल ज्यादा असरदार नहीं साबित हुए। उन्होंने पिछले साल 17 मैच में 21 विकेट लिए थे। इस बार 7 मैच में 6 विकेट ही ले पाए।
पिच का मिजाज : यह पिच बल्लेबाजों के लिए मुफीद मानी जाती है। 2005 में महेंद्र सिंह धोनी ने इसी मैदान पर अपना पहला वनडे शतक (148 रन) लगाया था। विराट कोहली ने पिछले साल इस मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 157 रन की पारी खेली थी। विशाखापट्टनम के मौसम की बात करें तो यहां भी खिलाड़ियों को चेन्नई जैसी गर्मी और नमी से जूझना पड़ेगा।
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